भारत के गवर्नर जनरल तथा वायसराय: उनके शासन काल की महत्वपूर्ण घटनाएं
भारत के गवर्नर जनरल – List of Governor General of India
- वारेन हेस्टिंग्स (1773-1785)
- लॉर्ड कार्नवालिस (1786-1793)
- सर जान शोर (1793-1799)
- लॉर्ड वेलेजली (1798-1805)
- सर जार्ज बालों (1805-1807)
- मिन्टो, प्रथम (1807-1813)
- लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823)
- लॉर्ड एम्हर्स्ट (1823-28)
- लॉर्ड विलियम बैंटिक (1828-35)
- लॉर्ड मैटकाफ (1835-36)
- लॉर्ड ऑकलैंड (1836-1842)
- लॉर्ड एलनबरो (1842-1844)
- लॉर्ड हार्डिंग, प्रथम (1844–1848)
- लॉर्ड डलहौजी (1848-1856)
- लॉर्डकैनिंग (1856-57)
वारेन हेस्टिंग्स (1773-1785)
- 1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट
- 1781 का अधिनियम; इस अधिनियम के द्वारा गवर्नर जनरल तथा उसकी काउंसिल एवं कलकत्ता उच्च न्यायालय के मध्य शक्तियों का कार्यक्षेत्र स्पष्ट रूप से विभाजित कर दिया गया
- 1784 का पिट्स इंडिया एक्ट
- 1774 का रोहिल्ला युद्ध
- 1775-82 का प्रथम मराठा युद्ध तथा 1782 में सालबाई की सचि
- 1780-84 का द्वितीय मैसूर युद्ध
- बनारस के राजा चैत सिंह के साथ विवादास्पद संबंध; नंदकुमार को फांसी; अवध की बेगमों से ज्यादती; इनके कारण हेस्टिंग्स पर इंग्लैंड वापस लौटने पर महाभियोग चलाया गया।
- 1784 में एशियाटिक सोसायटी आफ बंगाल की नींव
- बंगाल के द्वैध शासन की समाप्ति
- कलकत्ता में सदर दीवानी और एक सदर निजामत अदालत की स्थापना
- कलकत्ता को बंगाल की राजधानी घोषित किया
लॉर्ड कार्नवालिस (1786-1793)
- तृतीय मैसूर युद्ध (1790-92) तथा श्रीरंगापट्टम की संधि (1792)
- कार्नवालिस कोड का निर्माण (1793); जिसमें अनेक न्यायिक सुधारों का उल्लेख था; सामान्य प्रशासन का राजस्व प्रशासन से पृथक्करण
- बंगाल का स्थायी बंदोबस्त, 1793
- प्रशासन का यूरोपीयकरण तथा सिविल सेवायें प्रारंभ की
- कंपनी के कर्मचारियों के निजी व्यापार पर रोक
- 1805 में गाजीपुर में मृत्यु
सर जान शोर (1793-1799)
- 1793 का चार्टर अधिनियम
- निजाम एवं मराठों के बीच खर्दा की लड़ाई (1795)
- अवध के उतराधिकार विवाद में हस्तक्षेप
- इलाहाबाद का पनी के साम्राज्य में विलय
लॉर्ड वेलेजली (1798-1805)
- ‘सहायक संधि’ की नीति प्रारंभ की (1798): सबसे पहले यह संधि हैदराबाद के निजाम से
- चतुर्थ मैसूर युद्ध (1799)
- द्वितीय मराठा युद्ध (1803-05)
- तंजोर (1799), सूरत (1800) एवं कर्नाटक (1801) का प्रशासन अपने हाथों में ले लिया
- बसीन की संधि (1802)
सर जार्ज बालों (1805-1807)
- रियासतों में अहस्तक्षेप की नीति का समर्थक
- वेल्लोर का सिपाही विद्रोह (1806)
मिन्टो, प्रथम (1807-1813)
- रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि (1809)
लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823)
- अंग्रेज-नेपाल युद्ध (1814-16) तथा सगौली की संधि (1816)
- तृतीय मराठा युद्ध (1817-19) तथा मराठा परिसंघ का कंपनी के साम्राज्य में विलय
- बम्बई प्रेजीडेन्सी की स्थापना (1818)
- पिण्डारियों का दमन (1817-18)
- सिंथिया के साथ संधि(1817)
- मद्रास के गवर्नर टामस मुनरो द्वारा रैयतवारी बंदोबस्त लागू किया गया (1820)
लॉर्ड एम्हर्स्ट (1823-28)
- प्रथम वर्मा युद्ध (1824-26)
- भरतपुर का अधिग्रहण (1826)
लॉर्ड विलियम बैंटिक (1828-35)
- सती प्रथा पर रोक (1829)
- ठगी प्रथा का अंत (1830)
- 1833 का चार्टर अधिनियम
- 1835 का शिक्षा संबंधी प्रस्ताव; शिक्षा सुधार तथा अंग्रेजी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाये जाने की घोषणा
- मैसूर (1831), दुर्ग (1834) एवं मध्य कछार (1834) का कम्पनी साम्राज्य मे विलय
- रणजीत सिंह के साथ ‘निरंतर मित्रता की संधि।
- लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा स्थापित प्रांतीय अपीलीय एवं भ्रमणकारी न्यायालयों की समाप्तिः राजस्व आयुक्तों की नियुक्ति
लॉर्ड मैटकाफ (1835-36)
- 1835 में प्रेस एक्ट पारित हुआ जिसके द्वारा समाचार-पत्रों पर लगाई गई पाबंदियां हटा ली गयीं
लॉर्ड ऑकलैंड (1836-1842)
- प्रथम अफगान युद्ध (1838-42)
- रणजीत सिंह की मृत्यु (1839)
लॉर्ड एलनबरो (1842-1844)
- सिन्ध का विलय (1843)
- ग्वालियर के साथ युद्ध (1843)
लॉर्ड हार्डिंग, प्रथम (1844–1848)
- प्रथम अंग्रेज सिख युद्ध (1846-46) एवं लाहौर की संधि (1846)
- सामाजिक सुधार यथा-बालिका हत्या तथा नरबलि की प्रथा पर रोक
लॉर्ड डलहौजी (1848-1856)
- द्वितीय अंग्रेज-सिख युद्ध (1848-49) तथा पंजाब का कम्पनी साम्राज्य में विलय (1849)
- निचले बर्मा या पेगू का अधिग्रहण (1852)
- ‘व्यपगत के सिद्धांत’ का शुभारंभ जिसके–अंतर्गत सतारा (1848), जैतपुर एवं संभलपुर (1849), उदयपुर (1852), झांसी (1853), नागपुर (1854) तथा अवध (1856) का कंपनी साम्राज्य में विलय
- वुड का शिक्षा संबंधी डिस्पैच (1854) तथा स्थानीय भाषा के स्कूलों तथा सरकारी कॉलेजों की स्थापना
- रेलवे माइनूट (स्मरण-पत्र) 1853; 1853 में बम्बई एवं थाणे के मध्यप्रथम रेल चली; दूसरी-1854 में कलकत्ता एवं रानीगंज के मध्य
- टेलीग्राफ एवं डाक सुधार-40 हजार मील लंबी टेलीग्राफ लाइन द्वारा कलकत्ता, बंबई, मद्रास एवं पेशावर को आपस में जोड़ा गया तथा 2 पैसे के शुल्क पर राष्ट्रीय डाक सेवा प्रारम्भ की गय
- गंगा नहर को खोल दिया गया (1854)
- प्रत्येक प्रांत में ‘लोक निर्माण विभाग’ की स्थापना
- विधवा पुर्नविवाह अधिनियम (1856)
- पेशवा के पेंशन की समाप्ति (1853)
लॉर्डकैनिंग (1856-57)
- 1857 में कलकत्ता, मद्रास एवं बम्बई में तीन नये विश्वविद्यालयों की स्थापना
- 1857 का विद्रोह
भारत के प्रमुख वायसराय – List of Chief Viceroy of India
- लॉर्ड कैनिंग (1858-62)
- लॉर्ड एल्गिन, प्रथम (1862-1863)
- लॉर्ड जॉन लारेंस (1864-1869)
- लॉर्ड मेयो (1869-1872)
- लॉर्ड नार्यबुक (1872-1876)
- लॉर्ड लिटन (1876-1880)
- लॉर्ड रिपन (1880-1884)
- लॉर्ड डफरिन (1884-1888)
- लॉर्ड लैन्सडाउन (1888-1894)
- लॉर्ड द्वितीय (1894–1899)
- लॉर्ड कर्जन (1899-1905)
- लॉर्ड मिन्टो, द्वितीय (1905-1910)
- लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916)
- लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921)
- लॉर्ड रीडिंग (1921–1926)
- लॉर्ड इरविन (1926-1931)
- लॉर्ड विलिंगडन (1931-1936)
- लॉर्ड लिनलिथगो (1936-44)
- लॉर्ड वेवेल (1944-1947)
- लॉर्ड माउन्टबैटन (1947-1948)
लॉर्ड कैनिंग (1858-62)
- 1858 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा कम्पनी के शासन की समाप्ति तथा शासन का प्रत्यक्ष नियंत्रण ब्रिटिश ताज के हाथों में
- यूरोपीय सेना द्वारा ‘श्वेत विद्रोह’ (1859)
- नागरिक विधि संहिता (1859), भारतीय दंड संहिता (1860) तथा फौजदारी विधि संहिता (1861) का निर्माण
- भारतीय शासन अधिनियम, (1861)
- पुलिस विभाग का गठन (1861)
लॉर्ड एल्गिन, प्रथम (1862-1863)
- वहावी आंदोलन
- पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत में कबाइलियों के दमन के लिये चलाया गया अम्बेला अभियान
लॉर्ड जॉन लारेंस (1864-1869)
- भूटान युद्ध (1865)
- कलकत्ता, बम्बई एवं मद्रासमें हाइकोर्ट की स्थापना
लॉर्ड मेयो (1869-1872)
- काठियावाड़ में राजकोट कालेज तथा भारतीय युवराजों को राजनीतिक प्रशिक्षण देने के लिये अजमेर में मेवो कालेज की स्थापना
- भारतीय सांख्यिकी सर्वेक्षण की स्थापना
- कृषि एवं वाणिज्य विभाग की स्थापना
- केंद्र तथा प्रांतों के मध्य राजस्व के बंटवारे की नयी प्रणाली का शुभारम्भ (1871)
- 1871 में भारत की प्रथम जनगणना
- राज्यों में रेलवे व्यवस्था का शुभारम्भ
लॉर्ड नार्यबुक (1872-1876)
- प्रिंस आफ वेल्स की भारत यात्रा (1875)
- बड़ौदा के गायकवाड़ पर मुकद्दमा
- पंजाब में कूगा आंदोलन
लॉर्ड लिटन (1876-1880)
- 1876-78 में भयंकर दुर्भिक्ष- जिससे मद्रास, बंबई, मैसूर, हैदराबाद, मध्य भारत के कई हिस्से तथा पंजाब बुरी तरह प्रभावित हुए;
- रिचर्डस्ट्रेची की अध्यक्षता में अकाल आयोग की नियुक्ति (1878)
- राजकीय उपाधि अधिनियम (1876); ब्रिटेनकी महारानी विक्टोरिया ने “कैसर-ए-हिंद’ की उपाधि धारण की
- वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट (1878)
- आर्म्सएक्ट (1878)
- द्वितीय अफगान युद्ध (1878-80)
लॉर्ड रिपन (1880-1884)
- अफगानिस्तान से संधि (1881)
- मैसूर के शासक को गद्दी की वापसी (1881)
- श्रमिकों की दशा में सुधार के लिए प्रथम कारखाना अधिनियम पारित (1881)
- वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट की समाप्ति (1882)
- वित्तीय विकेंद्रीकरण की नीति का नियमितीकरण
- स्थानीय स्वशासन संबंधी सरकारी प्रस्ताव (1882)
- सर विलियम हन्टर की अध्यक्षता में शिक्षा आयोग की नियुक्ति (1882)
- इल्बर्ट बिल विवाद (1883-84)
लॉर्ड डफरिन (1884-1888)
- तृतीय बर्मा युद्ध (1885-86)
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
लॉर्ड लैन्सडाउन (1888-1894)
- कारखाना अधिनियम (1891)
- सिविल सेवाओं का इम्पीरियल, प्रांतीय एवं अधीनस्थ सेवाओं मेंवर्गीकरण
- भारतीय परिषद अधिनियम (1892)
- भारत एवं अफगानिस्तान के मध्य सीमा निर्धारण हेतु डूरंड आयोग कीस्थापना (1893)
लॉर्ड द्वितीय (1894–1899)
- चित्राल विद्रोह
- पूना में प्लेग का प्रकोप, चापेकर बंधुओं द्वारा दो ब्रिटिश अधिकारियों की हत्या
लॉर्ड कर्जन (1899-1905)
- पुलिस प्रशासन में सुधार के लिये एन्ड्रयूफ्रेजर की अध्यक्षता में पुलिस आयोग का गठन (1902)
- विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना (1902) तथा भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित (1904)
- उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की स्थापना
- कलकत्ता कार्पोरेशन एक्ट (1899)
- प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम (1904)
- बंगाल का विभाजन (1905)
- कृषि बैंक की स्थापना
- पूसा में कृषि अनुसंधान केंद्र की स्थापना
- रेलवे बोर्ड की स्थापना (1905)
- कर्जन-किचनर विवाद
- तिब्बत में यंगहस्बैंड मिशन (1904)
लॉर्ड मिन्टो, द्वितीय (1905-1910)
- बंग-भंग विरोधी आंदोलन एवं स्वदेशी आंदोलन को दबाने का प्रयास
- 1907 के सूरत अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन
- आगा खां द्वारा ‘मुस्लिम लीग’ की स्थापना (1906)
लॉर्ड हार्डिंग द्वितीय (1910-1916)
- 1911 में बंगाल प्रेजीडेन्सी की स्थापना (बंबई एवं मद्रास प्रेजीडेन्सी की तरह)
- भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित (1911)
- मदन मोहन मालवीय द्वारा ‘हिन्दू महासभा’ की स्थापना (1915)
- सम्राट जार्ज पंचम की भारत यात्रा के उपलक्ष्य में दिल्ली दरबार का आयोजन (1911)
लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921)
- तिलक एवं एनी बेसेन्ट द्वारा पृथक पृथक होमरूल लीग की स्थापना
- कांग्रेस का लखनऊ अधिवेशन (1916)
- कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग के मध्य लखनऊ समझौता (1916)
- गांधी जी की द. अफ्रीका से स्वदेश वापसी के उपरांत साबरमती आश्रम की स्थापना (1916)
- खेड़ा सत्याग्रह (1918) एवं अहमदाबाद में सत्याग्रह (1918)
- मांटेग्यू की घोषणायें (1917)
- भारत सरकार अधिनियम (1919)
- रॉलेटएक्ट (1919)
- जलियांवाला बाग हत्याकांड (1919)
- असहयोग एवं खिलाफत आंदोलन प्रारंभ
- पूना में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना (1916) तथा शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिये ‘सैडलर कमीशन’ की नियुक्ति (1917)
- बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु (1 अगस्त, 1920)
- एस.पी. सिन्हा की बिहार के गवर्नर के पद पर नियुक्त (गवर्नर बनानेवाले प्रथम भारतीय)
लॉर्ड रीडिंग (1921–1926)
- चौरी-चौरा की घटना (5 फरवरी, 1922) जिसके फलस्वरूप गांधीजी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया
- केरल में मोपला विद्रोह (1921)
- 1910 के प्रेस एक्ट एवं 1919 के रॉलेट एक्ट की वापसी
- फौजदारी कानून संशोधन अधिनियम तथा कपास पर उत्पाद शुल्क कीसमाप्ति
- मुल्तान, अमृतसर, दिल्ली, अलीगढ़ एवं कलकत्ता में भीषण साम्प्रदायिक दंगे
- काकोरी ट्रेन डकैती (1925)
- स्वामी श्रद्धानंद की हत्या (1926)
- सी.आर. दास तथा मोतीलाल नेहरू द्वारा ‘स्वराज्य पाटी’ की स्थापना
- 1923 से आई.सी.एस. की परीक्षा क्रमशः दिल्ली एवं लंदन में कराने का निर्णय
- अकाली आंदोलन एवं गुरु द्वारा एक्ट
- दिल्ली एवं नागपुर में विश्वविद्यालयों की स्थापना
लॉर्ड इरविन (1926-1931)
- साइमन कमीशन की भारत यात्रा (1928) तथा भारतीयों द्वारा इसका तीव्र विरोध
- भविष्य में भारतीय संविधान की रूपरेखा के निर्धारण हेतु लखनऊ में सर्वदलीय सम्मेलन (1928); इसकी रिपोर्ट को नेहरू रिपोर्ट के नाम से जाना गया
- देशी रियासतों के संबंध में हाटोंग बटलर समिति की नियुक्ति (1927)
- लाहौर के सहायक पुलिस अधीक्षक सैन्डर्स की हत्या: दिल्ली विधान सभाके कक्ष में बम विस्फोट (1929): लाहौर षड्यंत्र केस एवं लम्बे उपवास के कारण कारागार में जतिन दास की मृत्यु (1929) एवं दिल्ली में ट्रेनबम विस्फोट की घटना (1929)
- कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज्य’ का प्रस्ताव पारित (1929)
- सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने के उद्देश्य से गांधीजी द्वारा दांडीयात्रा (मार्च, 1930)
- लॉर्डइरविन द्वारा ‘दीपावली घोषणा’ (1929)
- कांग्रेस द्वारा प्रथम गोलमेज सम्मेलन का बहिष्कार (1930)
- गांधी-इरविन समझौता (1931) तथा सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित
लॉर्ड विलिंगडन (1931-1936)
- द्वितीय गोलमेज सम्मेलन (1931)- सम्मेलन असफल रहा, सविनय अवज्ञा आंदोलन पुनः प्रारंभ (1933)
- साम्प्रदायिक घोषणा-पत्र (1932); इसके विरुद्ध पूरे राष्ट्र में जबरदस्त प्रतिक्रिया
- यरवदा जेल में गांधीजी द्वारा आमरण अनशन; उन्होंने पूना समझौते (1932) के पश्चात अपना अनशन तोड़ा
- तृतीय गोलमेज सम्मेलन (1932)
- भारत सरकार अधिनियम, 1935
- अखिल भारतीय किसान सभा की स्थापना (1936)
- जयप्रकाश नारायण एवं आचार्य नरेंद्रदेव द्वारा कांग्रेस समाजवादी पार्टी की स्थापना (1934)
- बर्मा भारत से पृथक कर दिया गया (1935)
लॉर्ड लिनलिथगो (1936-44)
- प्रथम आम चुनाव (1936-37), कांग्रेस द्वारा पूर्ण बहुमत प्राप्त
- द्वितीय विश्व युद्ध प्रारंभ होने के कारण कांग्रेसी सरकारों द्वारा त्यागपत्र (1939)
- कांग्रेस के 51वें वार्षिक अधिवेशन के अध्यक्ष पद हेतु सुभाष चंद्र बोस का चयन (1938)
- सुभाष चंद्रबोस का कांग्रेस से त्यागपत्र (1939)
- फारवर्ड ब्लॉक नामक नयी पार्टी की स्थापना (1939)
- मुस्लिम लीग के लाहौर अधिवेशन (मार्च 1940) में लीग द्वारा पृथक पाकिस्तान की मांग
- वायसराय द्वारा अगस्त प्रस्ताव घोषित (1940); कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग दोनों ने इसे अस्वीकार कर दिया
- विंन्स्टल चर्चित इंग्लैंड के नये प्रधानमंत्री बने (1940)
- सुभाष चंद्र बोस का भारत से पलायन (1941) एवं आजाद हिन्द फौजकी स्थापना
- क्रिप्स मिशन का भारत आगमन; मिशन अपने उद्देश्यों में असफल रहा
- कांग्रेस द्वारा ‘भारत छोड़ो प्रस्ताव पारित-इसके पश्चात भारत आंदोलन प्रारंभ; गांधीजी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया, सभी प्रमुख कांग्रेसी नेता गिरफ्तार
- मुस्लिम लीग ने अपने कराची अधिवेशन में (1944) में अंग्रेजों को बांटो एवं वापस जाओ’ का नारा दिया
लॉर्ड वेवेल (1944-1947)
- सी. राजगोपालाचार्य ने सी. आर. फार्मूला प्रस्तुत किया (1994)
- गांधीजी एवं मु.अली जिन्ना की वार्ता असफल (1944)
- वैवेल योजना एवं शिमला सम्मेलन (1942)
- द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त (1945)
- कैबिनेट मिशन का भारत आगमन (1946); कांग्रेस ने मिशन के प्रस्तावों को स्वीकार किया
- मुस्लिम लीग द्वारा ‘प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस’ (16 अगस्त, 1946)
- संविधान सभा के गठन के लिये चुनाव आयोजित किये गये अंतरिम सरकार की स्थापना (सितम्बर 1946)
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने भारत को स्वतंत्रता देने कीघोषणा की (20 फरवरी, 1947)
लॉर्ड माउन्टबैटन (1947-1948)
- ‘तीन जून योजना’ की घोषणा
- ब्रिटेन के हाउस आफकामन्स में भारत स्वतंत्रता अधिनियम प्रस्तुत
- पंजाब एवं बंगाल के विभाजन हेतु रेडक्लिफ आयोग का गठन
- भारत को पूर्ण स्वतंत्रता एवं भारत का विभाजन
- पाकिस्तान नामक नये राष्ट्र की स्थापना